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গণেশের পুষ্পাঞ্জলি মন্ত্র | Ganesh pushpanjali mantra সকল দেব দেবীর পূজার প্রথমে গণেশ এর পূজা হয়ে থাকে। আমরা ভগবান গণেশ কে সিদ্ধিদাতা বলে সম্বোধন করে থাকি কারণ তিনি সমস্ত কাজকে সুসম্পন্ন বা সফল করেন। প্রতি বছরে দুইবার গণেশ চতুর্থী (Ganesh Chaturthi)পূজা হয়ে থাকে। ভাদ্র শুক্লা পক্ষের চতুর্থী তিথি এবং। সরস্বতী পূজার আগেরদিন শুক্লা চতুর্থীর দিন […]
सदगुरू साईं नाथ महाराज की जय कष्टों की काली छाया दुखदायी है,जीवन में घोर उदासी लायी है | संकट को तालो साई दुहाई है,तेरे सिवा न कोई सहाई है | मेरे मन तेरी मूरत समाई है,हर पल हर शन महिमा गायी है घर मेरे कष्टों की आंधी आई है,आपने क्यूँ मेरी सुध भुलाई है | […]
ॐ यज्ञेन यज्ञमयजन्त देवास्तनि धर्माणि प्रथमान्यासन् । ते ह नाकं महिमान : सचंत यत्र पूर्वे साध्या : संति देवा: ॥ ॐ राजाधिराजाय प्रसह्य साहिने। नमो वयं वैश्रवणाय कुर्महे । स मनोकामान् काम कामाय मह्यं । कामेश्वरो वैश्रवणो ददातु । कुबेराय वैश्रवणाय । महाराजाय नमः । ॐ स्वस्ति। साम्राज्यं भोज्यं स्वाराज्यं वैराज्यं पारमेष्ठ्यं राज्यं महाराज्यमाधिपत्यमयं समंतपर्यायीस्यात् […]
श्री पंच-तत्व प्रणाम मंत्र | Panch Tattva Pranam Mantra जय श्री कृष्ण चैतन्य, प्रभु नित्यानंद, श्री अद्वैत, गदाधर, श्रीवास आदि गौर भक्त वृन्द हरे कृष्ण महामंत्र || हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे || श्री कृष्ण प्रणाम मंत्र हे कृष्ण करुणा-सिंधु दीन-बन्धु जगत्पते ,गोपेश गोपिकाकान्त […]
च-कल्पतरुभ्यश चकृपा-सिंधुभ्य एव चपतितानं पावनेभ्योवैष्णवेभ्यो नमो नमः मैं भगवान के वैष्णव भक्तों को सादर प्रणाम करता हूँ। वे कल्पवृक्षों के समान हैं और सभी की इच्छाओं को पूरा कर सकते हैं, तथा वे पतित बद्धजीवों के प्रति करुणा से भरे हुए हैं। वैष्णव प्रणाम मंत्र जो भक्तों द्वारा दिन भर विभिन्न अवसरों पर गाया जाता […]
स्वप्न वाराही देवी स्वप्न मे उत्तर देने वाली स्वप्न वाराही देवी तंत्र की एक महत्वपूर्ण देवी है जो तांत्रिक साधनाओं में सिद्धि प्रदान करती है। स्वप्न वाराही देवी का उल्लेख विभिन्न पुराणों और तंत्र शास्त्रों में मिलता है। उन्हें विशेष रूप से रात्रि के समय में साधना करने वाले साधकों के लिए अत्यंत लाभकारी माना […]
कष्टों की काली छाया दुखदायी है, जीवन में घोर उदासी लायी है l संकट को तालो साईं दुहाई है, तेरे सिवा न कोई सहाई है l मेरे मन तेरी मूरत समाई है, हर पल हर शन महिमा गायी है l घर मेरे कष्टों की आंधी आई है,आपने क्यूँ मेरी सुध भुलाई है l तुम भोले […]
जब कुरुक्षेत्र में महाभारत का युद्ध होने वाला था और अर्जुन युद्ध के लिए तैयार नहीं थे, तब भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें समझाया और जो उपदेश दिया, उसे हम आज गीता श्लोक के नाम से जानते हैं। गीता को भगवान कृष्ण ने 18 अध्यायों में विभाजित किया, जिसमें कुल 700 श्लोक हैं। महात्मा गांधी […]
शास्त्रों के अनुसार जो लोग अपने हाथ की हथेली देखकर दिन की शुरुआत करते हैं उनके सभी काम पूरे होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि हथेलियों के ऊपरी भाग में देवी लक्ष्मी, मध्य में देवी सरस्वती और जड़ में भगवान ब्रह्मा का वास होता है। सुबह-सुबह हथेलियों के दर्शन करने से धन, ज्ञान और […]
पुष्पांजलि का अर्थ है फूलों से भरी हुई अंजलि जो किसी देवता अथवा महापुरुष को अर्पित की जाती है। धार्मिक अनुष्ठानों अर्थात हवन, पूजन, आरती, ग्रहप्रवेश, विवाह कर्म या अन्य पूजन से संबंधित कार्यों में देव शक्तियों को मंत्र पुष्पांजलि अर्पित की जाती है, मंत्र पुष्पांजलि के बाद ही धार्मिक पूजा के अनुष्ठान पूर्ण होने […]
64 योगिनियों के मंत्रों में से एक प्रमुख मंत्र है, जो चामुण्डा देवी को समर्पित है: “ॐ ह्रीं ह्रूं ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रां चामुण्डायै विच्चे॥“ इस मंत्र का उच्चारण करने से भक्त को देवी चामुण्डा की कृपा प्राप्त होती है और उनकी सन्तान को सुख-शांति की प्राप्ति होती है।
गौ माता के श्लोक प्राचीन संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ये श्लोक हिंदू धर्म में गौ माता की महिमा और महत्व को दर्शाते हैं। हिन्दू समाज में गौ माता को माता के समान पूजा और सम्मान दिया जाता है। इसी कारण से हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को गौ […]
गुरु ब्रम्हा गुरु विष्णु, गुरु देवो महेश्वरा. गुरु साक्षात परब्रम्हा, तस्मै श्री गुरवे नमः निशंक होई रे मना, निर्भय होई रे मना । प्रचंड स्वामीबळ पाठीशी, नित्य आहे रे मना । अतर्क्य अवधूत हे स्मर्तुगामी, अशक्य ही शक्य करतील स्वामी ।।१।। जिथे स्वामीचरण तिथे न्युन्य काय, स्वये भक्त प्रारब्ध घडवी ही माय। आज्ञेवीना काळ ही […]
सारांश ↬ वीरभद्र मंत्र शत्रुओं और शत्रुओं के समूहों को नष्ट करने के लिए एक दिव्य उपकरण है। भगवान वीरभद्र भगवान शिव के एक उग्र अवतार हैं। वह इतने शक्तिशाली हैं कि जब भगवान विष्णु ने उन पर अपना सुदर्शन चक्र फेंका; तो उन्होंने उसे निगल लिया। वीरभद्र मंत्र शत्रुओं और शत्रुओं के समूहों को […]
(अर्थात उद्यम से हि कार्य सफल होते हैं, ना कि मनोरथों से। ठीक उसी प्रकार सोए हुए शेर के मुख में हिरण नहीं आते।) संस्कृति की ये पंक्तियां हम सभी ने स्कूल के दिनों में पढ़ी होंगी। ये उक्ति पुरानी जरूर है लेकिन इसका महत्व आज भी उतना ही है, जितना की एक हजार साल […]