64 योगिनी मंत्र | 64 Yogini Mantra | कार्य सिद्धि मंत्र

64 योगिनी मंत्र | 64 Yogini Mantra | कार्य सिद्धि मंत्र

64 योगिनी मंत्र | 64 Yogini Mantra | कार्य सिद्धि मंत्र

64 योगिनियों के मंत्रों में से एक प्रमुख मंत्र है, जो चामुण्डा देवी को समर्पित है:

ॐ ह्रीं ह्रूं ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रां चामुण्डायै विच्चे॥

इस मंत्र का उच्चारण करने से भक्त को देवी चामुण्डा की कृपा प्राप्त होती है और उनकी सन्तान को सुख-शांति की प्राप्ति होती है।

  1. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री काली नित्य सिद्धमाता स्वाहा।
  2. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री कपलिनी नागलक्ष्मी स्वाहा।
  3. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री कुला देवी स्वर्णदेहा स्वाहा।
  4. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री कुरुकुल्ला रसनाथा स्वाहा।
  5. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री विरोधिनी विलासिनी स्वाहा।
  6. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री विप्रचित्ता रक्तप्रिया स्वाहा।
  7. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री उग्र रक्त भोग रूपा स्वाहा।
  8. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री उग्रप्रभा शुक्रनाथा स्वाहा।
  9. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री दीपा मुक्तिः रक्ता देहा स्वाहा।
  10. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री नीला भुक्ति रक्त स्पर्शा स्वाहा।
  11. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री घना महा जगदम्बा स्वाहा।
  12. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री बलाका काम सेविता स्वाहा।
  13. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री मातृ देवी आत्मविद्या स्वाहा।
  14. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री मुद्रा पूर्णा रजतकृपा स्वाहा।
  15. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री मिता तंत्र कौला दीक्षा स्वाहा।
  16. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री महाकाली सिद्धेश्वरी स्वाहा।
  17. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री कामेश्वरी सर्वशक्ति स्वाहा।
  18. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री भगमालिनी तारिणी स्वाहा।
  19. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री नित्यकलींना तंत्रार्पिता स्वाहा।
  20. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री भैरुण्ड तत्त्व उत्तमा स्वाहा।
  21. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री वह्निवासिनी शासिनि स्वाहा।
  22. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री महवज्रेश्वरी रक्त देवी स्वाहा।
  23. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री शिवदूती आदि शक्ति स्वाहा।
  24. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री त्वरिता ऊर्ध्वरेतादा स्वाहा।
  25. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री कुलसुंदरी कामिनी स्वाहा।
  26. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री नीलपताका सिद्धिदा स्वाहा।
  27. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री नित्य जनन स्वरूपिणी स्वाहा।
  28. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री विजया देवी वसुदा स्वाहा।
  29. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री सर्वमङ्गला तन्त्रदा स्वाहा।
  30. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री ज्वालामालिनी नागिनी स्वाहा।
  31. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री चित्रा देवी रक्तपुजा स्वाहा।
  32. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री ललिता कन्या शुक्रदा स्वाहा।
  33. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री डाकिनी मदसालिनी स्वाहा।
  34. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री राकिनी पापराशिनी स्वाहा।
  35. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री लाकिनी सर्वतन्त्रेसी स्वाहा।
  36. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री काकिनी नागनार्तिकी स्वाहा।
  37. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री शाकिनी मित्ररूपिणी स्वाहा।
  38. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री हाकिनी मनोहारिणी स्वाहा।
  39. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री तारा योग रक्ता पूर्णा स्वाहा।
  40. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री षोडशी लतिका देवी स्वाहा।
  41. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री भुवनेश्वरी मंत्रिणी स्वाहा।
  42. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री छिन्नमस्ता योनिवेगा स्वाहा।
  43. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री भैरवी सत्य सुकरिणी स्वाहा।
  44. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री धूमावती कुण्डलिनी स्वाहा।
  45. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री बगलामुखी गुरु मूर्ति स्वाहा।
  46. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री मातंगी कांटा युवती स्वाहा।
  47. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री कमला शुक्ल संस्थिता स्वाहा।
  48. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री प्रकृति ब्रह्मेन्द्री देवी स्वाहा।
  49. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री गायत्री नित्यचित्रिणी स्वाहा।
  50. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री मोहिनी माता योगिनी स्वाहा।
  51. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री सरस्वती स्वर्गदेवी स्वाहा।
  52. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री अन्नपूर्णी शिवसंगी स्वाहा।
  53. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री नारसिंही वामदेवी स्वाहा।
  54. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री गंगा योनि स्वरूपिणी स्वाहा।
  55. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री अपराजिता समाप्तिदा स्वाहा।
  56. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री चामुंडा परि अंगनाथा स्वाहा।
  57. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री वाराही सत्येकाकिनी स्वाहा।
  58. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री कौमारी क्रिया शक्तिनि स्वाहा।
  59. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री इन्द्राणी मुक्ति नियन्त्रिणी स्वाहा।
  60. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री ब्रह्माणी आनन्दा मूर्ती स्वाहा।
  61. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री वैष्णवी सत्य रूपिणी स्वाहा।
  62. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री माहेश्वरी पराशक्ति स्वाहा।
  63. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री लक्ष्मी मनोरमायोनि स्वाहा।
  64. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री दुर्गा सच्चिदानंद स्वाहा।

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