श्री पंच-तत्व प्रणाम मंत्र | Panch Tattva Pranam Mantra
जय श्री कृष्ण चैतन्य, प्रभु नित्यानंद, श्री अद्वैत, गदाधर, श्रीवास आदि गौर भक्त वृन्द
हरे कृष्ण महामंत्र
|| हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे ||
श्री कृष्ण प्रणाम मंत्र
हे कृष्ण करुणा-सिंधु दीन-बन्धु जगत्पते ,
गोपेश गोपिकाकान्त राधाकान्त नमोस्तुते
श्री राधा रानी प्रणाम मंत्र
तपत-कांचन गौरांगी राधे वृन्दावनेश्वरी ,
वृषभानु सुते देवी प्रणमामि हरी प्रिये
श्री वैष्णव प्रणाम मंत्र
वांछा-कल्पतरूभयशच कृपा-सिंधुभय एव च,
पतितानाम पावने भयो वैष्णवे नमो नमः
श्री चैतन्य महाप्रभु प्रणाम मंत्र
नमो महा-वदान्याय, कृष्ण प्रेम प्रदायते।
कृष्णाय कृष्ण चैतन्य, नामने गोर-तविशे नमः
श्री गुरु प्रणाम मंत्र
अज्ञान तिमिरान्धस्य ज्ञानाञ्जन शलाकया ।
चक्षुरुन्मीलितं येन तस्मै श्री गुरवे नमः ॥
श्री गुरू महाराज जी का प्रणाम मंत्र
नमः ॐ विष्णु पादय, श्रीमाधवप्रियाय च ।
भक्ति प्रसादविष्णवे श्रीमते यतये नम: ॥
सौम्यगुणचरित्राय गौरवाणीप्रचारिणे ।
भागवतकथास्वाददायिने गुरवे नम: ॥
मनोज्ञाय कृतज्ञाय सद्धर्मशास्त्रसम्विदे ।
श्रीराधाश्रीलगोविन्दप्राणाय प्रभवे नम: ।।