Swapna Varahi Mantra

स्वप्न वाराही देवी

स्वप्न मे उत्तर देने वाली स्वप्न वाराही देवी तंत्र की एक महत्वपूर्ण देवी है जो तांत्रिक साधनाओं में सिद्धि प्रदान करती है। स्वप्न वाराही देवी का उल्लेख विभिन्न पुराणों और तंत्र शास्त्रों में मिलता है। उन्हें विशेष रूप से रात्रि के समय में साधना करने वाले साधकों के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है। ये देवी साधक को स्वप्न में उनकी समस्या का उपाय बतलाती है और साधक को नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करती हैं ओर उन्हें आध्यात्मिक उन्नति की ओर प्रेरित करती हैं। 

मंत्र

“ॐ ह्रीं क्लीं स्वप्न वराही देव्ये मम् कार्य सिद्धि देही देही स्वाहा।” 

स्वप्न वाराही देवी साधना विधि

1. सामग्री: एक स्वच्छ स्थान, काले वस्त्र, लाल पुष्प, धूप, दीपक, कुमकुम, चंदन, स्वप्न वराही देवी की मूर्ति या चित्र, और मंत्र की पुस्तक। 

2. स्रानः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। 

3. स्थान चयनः एक शांत और स्वच्छ स्थान पर बैठे। 

4. आसनः काले वस्त्र पर आसन बिछाकर बेठे। 

5. मूर्ति या चित्रः स्वप्न वराही देवी की मूर्ति या चित्र को अपने सामने रखें। 

6. पूजन: देवी को लाल पुष्प, धूप, दीपक, कुमकुम, और चंदन अर्पित करें। 

7. मंत्र जापः निम्नलिखित मंत्र का 108 बार जाप करें: “ॐ ह्रीं क्लीं स्वप्न वराही देव्ये मम् कार्य सिद्धि देही देही स्वाहा 

8. ध्यान: देवी का ध्यान करें और उनसे अपने मनोकामना की पूर्ति की प्रार्थना करें। 

9. आवृत्तिः इस विधि को 21 दिनों तक नियमित रूप से करें। 

स्वप्न वाराही देवी के लाभ

1. नकारात्मक शक्तियों से रक्षाः स्वप्न वराही देवी साधना नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नजर से बचाती है। 

2. स्वप्न में दिव्यदर्शनः साधक को स्वप्न में देवी के दर्शन होते हैं जो उसकी आत्मा को शांति प्रदान करते हैं। 

3. भयमुक्तिः देवी की कृपा से साधक को भय से मुक्ति मिलती है। 

4. सफलताः देवी साधक के कार्यों में सफलता प्रदान करती हैं। 

5. समृद्धिः देवी की उपासना से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। 

6. स्वास्थ्यः देवी की कृपा से साधक स्वस्थ और निरोगी रहता है। 

7. मन की शांतिः साधक को मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त होती है। 

8. शत्रुओं से रक्षाः देवी साधक को शत्रुओं से रक्षा करती हैं। 

9. आध्यात्मिक उन्नतिः साधक की आध्यात्मिक उन्नति होती है। 

10. प्राकृतिक आपदाओं से बचावः देवी की कृपा से प्राकृतिक आपदाओं से बचाव होता है। 

11. आत्मविश्वासः साधक का आत्मविश्वास बढ़ता है। 

12. सकारात्मक ऊर्जा साधक के आसपास सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। 

13. परिवार की सुख-शांतिः देवी की कृपा से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। 

14. सपनों की सच्चाई: साधक के सपने सच्चे और स्पष्ट होते हैं। 

15. समस्या समाधानः साधक की समस्याओं का समाधान होता है। 

16. संतान प्राप्तिः साधक को संतान सुख प्राप्त होता है। 

17. विवाह में सफलताः साधक के विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं। 

18. प्रेम में सफलताः साधक को प्रेम में सफलता मिलती है। 

19. मनोबल में वृद्धिः साधक का मनोबल बढ़ता है। 

20. देवी की कृपाः साधक को स्वप्न वराही देवी की कृपा प्राप्त होती है। 

स्वप्न वाराही देवी की साधना का दिन

स्वप्न वराही देवी की साधना विशेष रूप से अमावस्या और पूर्णिमा की रात्रि में की जाती है। इसके अलावा मंगलवार और शुक्रवार के दिन भी देवी की साधना के लिए उपयुक्त माने जाते हैं।

मंत्र:-ॐ नमो वाराह अघोरेश्वर स्वप्नं ठ: ठ: स्वाहा ॥

भगवती वाराही की दिव्य कृपा प्राप्त करने के लिए साधक को इस बारह नामों का पाठ अवश्य करना चाहिए | 

श्रीवाराहीद्वादशनामस्तोत्रम् 

अस्य श्रीवाराही द्वादशनामस्तोत्रस्य अश्वानन ऋषिः । अनुष्टुप्छन्दः । श्रीवाराही देवता । श्रीवाराहि प्रसादसिद्ध्यर्थं सर्वसङ्कटहरण जपे विनियोगः ।

पञ्चमी दण्डनाथा च सङ्केता समयेश्वरी ।
तथा समयसङ्केता वाराही पोत्रिणी शिवा ॥ १॥

वार्ताली च महासेनाऽऽज्ञाचक्रेश्वरी तथा ।
अरिघ्नी चेति सम्प्रोक्तं नाम द्वादशकं मुने ॥ २॥

नाम द्वादशधाभिज्ञ वज्रपञ्जरमध्यगः ।
सङकटे दुःखमाप्नोति न कदाचन मानवः ॥ ३॥

इति वाराहीद्वादशनामस्तोत्रं सम्पूर्णम् ।

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