Mantrochar.com: हिंदू धर्म की अद्वितीय समृद्धि और आध्यात्मिकता का स्रोत। यहाँ आपको मिलेंगे शक्तिशाली मंत्र, श्लोक, चालीसा, आरतियां, अष्टकम, स्तोत्र, सहस्रनाम, और स्तुतियां सहित हिंदू धर्म से जुड़ी सभी आवश्यक जानकारियां।
ఓమ్ ॥ హిర॑ణ్యవర్ణాః॒ శుచ॑యః పావ॒కాయాసు॑ జా॒తః క॒శ్యపో॒ యాస్వింద్రః॑ ।అ॒గ్నిం-యాఀ గర్భ॑ఓ దధి॒రే విరూ॑పా॒స్తాన॒ ఆప॒శ్శగ్గ్ స్యో॒నా భ॑వంతు ॥ యాసా॒గ్ం॒ రాజా॒ వరు॑ణో॒ యాతి॒ మధ్యే॑సత్యానృ॒తే అ॑వ॒పశ్యం॒ జనా॑నామ్ ।మ॒ధు॒శ్చుత॒శ్శుచ॑యో॒ యాః పా॑వ॒కాస్తాన॒ ఆప॒శ్శగ్గ్ స్యో॒నా భ॑వంతు ॥ యాసాం᳚ దే॒వా ది॒వి కృ॒ణ్వంతి॑ భ॒క్షంయా అం॒తరి॑క్షే బహు॒ధా భవం॑తి ।యాః పృ॑థి॒వీం పయ॑సోం॒దంతి శు॒క్రాస్తాన॒ ఆప॒శ్శగ్గ్ స్యో॒నా భ॑వంతు ॥ శి॒వేన॑ మా॒ చక్షు॑షా పశ్యతాపశ్శి॒వయా॑త॒నువోప॑ స్పృశత॒ త్వచ॑ఓ మే ।సర్వాగ్॑ఓ అ॒గ్నీగ్ం […]
1. Om shanaescaraya namah 2. Om shantaya namah 3. Om sarvabhistapradayine namah 4. Om sharanyaya namah 5. Om vagenyaya namah 6. Om sarveshaya namah 7. Om saumyaya namah 8. Om suramvandhaya namah 9. Om suralokaviharine namah 10. Om sukhasonapavishtaya namah 11. Om sundaraya namah 12. Om ghanaya namah 13. Om ghanarupaya namah 14. Om ghanabharanadharine […]
कल्याण- मन्दिरमुदारमवद्य-भेदि भीताभय-प्रदमनिन्दितमङ्घ्रि- पद्मम् । संसार-सागर-निमज्जदशेषु-जन्तु – पोतायमानमभिनम्य जिनेश्वरस्य ॥१ ॥ यस्य स्वयं सुरगुरुर्गरिमाम्बुराशेः स्तोत्रं सुविस्तृत-मतिर्न विभुर्विधातुम् । तीर्थेश्वरस्य कमठ-स्मय- धूमकेतो- स्तस्याहमेष किल संस्तवनं करष्येि ॥ २ ॥ सामान्यतोऽपि तव वर्णयितुं स्वरूप- मस्मादृशः कथमधीश भवन्त्यधीशाः । धृष्टोऽपि कौशिक- शिशुर्यदि वा दिवान्धो रूपं प्ररूपयति किं किल घर्मरश्मेः ॥३ ॥ मोह-क्षयादनुभवन्नपि नाथ मर्त्यो नूनं गुणान्गणयितुं न तव […]
पुरुष सूक्त ॐ श्री गुरुभ्यो नमः । हरिः ओम् । सहस्रशीर्षा पुरुषः सहस्राक्षः सहस्रपात ।स भूमिँ सर्वतः स्पृत्वाऽत्चतिष्ठद्यशाङ्गुलम् ।।1।।जो सहस्रों सिर वाले, सहस्रों नेत्रवाले और सहस्रों चरण वाले विराट पुरुष हैं, वे सारे ब्रह्माण्ड को आवृत करके भी दस अंगुल शेष रहते हैं ।।1।। पुरुषऽएवेवँ सर्वं यद्भूतं यच्च भाव्यम् ।उतामृतत्वस्येशानो यदन्नेनातिरोहति ।।2।।जो सृष्टि बन चुकी, […]
रात-दिन सहस्त्रो अपराधो को कृपा पूर्वक क्षमा करने हेतु क्षमा प्रार्थना मंत्र। दुर्गा सप्तसती पाठ समाप्त होने के उपरान्त अंत में क्षमा प्रार्थना करनी चाहिए और देवी से पाठ के दौरान जाने-अनजाने में हुई भूल के लिए क्षमा मांगनी चाहिए। माता के पूजन में गलती या भूल के लिए दुर्गा माता से क्षमा प्रार्थना मंत्र। […]
Shri Sachchidanand Sadguru Sainath Maharaj Ki Jai!!! Aarati Sai Baba Saukhyadatara Jiva Charanarajaatali, Dyava dasa visava, bhakta visava Aarti Saibaba Jaluniya ananga Sasvarupi rahe danga Mumuksha janaann daavi Nija dola Sriranga Dola Sriranga Aarti Saibaba Jaya mani jaisa bhava Taya taisa anubhava Davisi dayaghana, Aisi tuzi he mava, tuzi he mava Aarti Saibaba Tumache naama […]
Meenakshi Pancharatnam is a five-stanza stotram for worshipping Goddess Meenakshi Devi, who is the primary deity of the Meenakshi Temple, Madhurai. Get Sri Meenakshi Pancharatnam in Kannada Pdf Lyrics here and chant it with devotion for the grace of Goddess Meenakshi Devi. Meenakshi Pancharatnam in Kannada – ಶ್ರೀ ಮೀನಾಕ್ಷೀ ಪಂಚರತ್ನಂ ಉದ್ಯದ್ಭಾನುಸಹಸ್ರಕೋಟಿಸದೃಶಾಂ ಕೇಯೂರಹಾರೋಜ್ಜ್ವಲಾಂಬಿಂಬೋಷ್ಠೀಂ ಸ್ಮಿತದಂತಪಂಕ್ತಿರುಚಿರಾಂ ಪೀತಾಂಬರಾಲಂಕೃತಾಮ್ |ವಿಷ್ಣುಬ್ರಹ್ಮಸುರೇಂದ್ರಸೇವಿತಪದಾಂ […]
द्वारकामाईमध्ये बसून साईबाबांनी दिलेल्या अकरा वचनांचे विश्लेषण करूया आणि प्रत्येक शब्दाचे महत्त्व समजून घेऊया. आपण साईबाबांचे ११ वचन मराठीत पाहणार आहोत, जी आपल्याला जीवनात पुढे जाण्याची प्रेरणा देतात. साईबाबांना नेहमीच त्यांच्या भक्तांचे कल्याण हवे होते, म्हणूनच त्यांनी ११ मौल्यवान वचन सांगितली, जी सुंदर आणि आनंदी जीवनासाठी मार्गदर्शक आहेत. साईबाबा शिर्डी गावात प्रकट झाले आणि तिथेच […]
श्री हनुमान सहस्त्रनाम हनुमान जी के 1008 नामों का संग्रह है। इन नामों का उच्चारण या श्रवण करने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है। इस स्तोत्र के पाठ से सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है और मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं। श्री हनुमान सहस्त्रनाम का पाठ करने से सभी प्रकार के […]
च-कल्पतरुभ्यश चकृपा-सिंधुभ्य एव चपतितानं पावनेभ्योवैष्णवेभ्यो नमो नमः मैं भगवान के वैष्णव भक्तों को सादर प्रणाम करता हूँ। वे कल्पवृक्षों के समान हैं और सभी की इच्छाओं को पूरा कर सकते हैं, तथा वे पतित बद्धजीवों के प्रति करुणा से भरे हुए हैं। वैष्णव प्रणाम मंत्र जो भक्तों द्वारा दिन भर विभिन्न अवसरों पर गाया जाता […]
मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥ मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥ मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥ मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥ Mangalam Bhagwan Vishnu Mangalam Bhagwan Vishnu Mantra Mangalam Bhagwan Vishnu Mangalam Bhagwan Vishnu Mangalam Bhagwan […]
धरती पर कई प्रकार के रुद्राक्ष पाए जाते हैं, जिनमें से एक है 2 मुखी रुद्राक्ष। इस द्विमुखी रुद्राक्ष को पहचानना आसान होता है क्योंकि इसमें दो मुख होते हैं। हालांकि, यह रुद्राक्ष दुर्लभतम रूपों में से एक है और आसानी से नहीं मिलता। रुद्राक्ष के पेड़, जिन्हें वैज्ञानिक रूप से एलेओकार्पस गैनिट्रस कहा जाता […]
॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ नमः शिवाभ्यां नवयौवनाभ्यां परस्पराश्लिष्टवपुर्धराभ्याम् । नगेन्द्रकन्यावृषकेतनाभ्यां नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ॥ 1 ॥ नमः शिवाभ्यां सरसोत्सवाभ्यां नमस्कृताभीष्टवरप्रदाभ्याम् । नारायणेनार्चितपादुकाभ्यां नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ॥ 2 ॥ नमः शिवाभ्यां वृषवाहनाभ्यां विरिञ्चिविष्ण्विन्द्रसुपूजिताभ्याम् । विभूतिपाटीरविलेपनाभ्यां नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ॥ 3 ॥ नमः शिवाभ्यां जगदीश्वराभ्यां जगत्पतिभ्यां जयविग्रहाभ्याम् । जम्भारिमुख्यैरभिवन्दिताभ्यां नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ॥ 4 ॥ नमः शिवाभ्यां […]
मारुति स्तोत्र, भगवान श्री राम के परम भक्त पवनपुत्र हनुमान जी को समर्पित है। यह स्तोत्र अत्यंत प्रभावशाली है और इसके पाठ से बजरंगबली का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। जिस भक्त पर अंजनी के लाल हनुमान जी की कृपा होती है, उसके जीवन में कोई भी संकट नहीं आता। तुलसीदास जी ने हनुमान […]